शिक्षा मानव जीवन निर्माण का महत्वपूर्ण घटक है यह एक ऐसा माध्यम है जो हमारे जीवन को नई विचारधारा नया सवेरा देती है और एक परिपक्व समाज बनाने में हमारी मदद करती है। शिक्षा से ही बच्चों को सृजनशील कल्पना से वैज्ञानिक रूप से स्वतंत्र एवं देश का भावी कर्णधार राष्ट्रभक्त बनाया जा सकता है।
आज सर्वत्र बच्चों में सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से शिक्षा देने की बात चल रही है रितेश शर्मा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जानकीनगर कोटद्वार में भैया बहनों में भौतिक विकास के लिए बालक केंद्रित क्रिया आधारित शिक्षा उन्हे देने के साथ भारतीय संस्कृति आधारित नैतिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान की ज्योति जगाने का कार्य भी चल रहा है। नए युग के नए विचारों से प्रेरित हमारे भैया बेहेन ज्ञान अर्जन के साथ-साथ सेवा भाव क लिए देश का नवनिर्माण कर सकेंगे, ऐसी मेरी कामना है। आशा है विद्यालय परिवार को समाज का सुझाव एवं सहयोग प्राप्त होता रहेगा जिस विद्यालय परिवार शिक्षा के मानदंडों पर चलकर समाज को लाभ पहुंचाता रहेगा।
– अध्यक्ष
तीन दशक की अवधि पार कर रितेश शर्मा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जानकीनगर कोटद्वार ना केवल बौद्धिक चेतना बल्कि शारीरिक, संस्कृत, राष्ट्रीय, वैज्ञानिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास द्वारा छात्र-छात्राओं के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास को सार्थक बनाता हुआ निरंतर नवीनता के साथ कोटद्वार क्षेत्र को ज्ञान विज्ञान से सराबोर कर रहा है। न केवल नगरिया बल्कि सुदूर ग्रामीण छात्र-छात्राएं भी अपने जीवन को ज्ञान विज्ञानं की उत्तम शिक्षा से संचित कर रहे है । इस विद्यालय में पढ़ने वाले भैया बेहेन, अपने सोद्देश्य जीवन से परिवार और समाज को समृद्धि के साथ दिशा निर्देश भी करें। मैं ऐसी मंगल कामना करता हूँ।
– प्रबंधक
जो व्यक्ति एक वर्ष के लिए सोचकर कार्य करता है वह किस होता है, जो 10 साल के लिए सोचता है वहां पेड़ लगता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी के लिए सोचता है वह इंसान करता है, बहुत ही सुख समृद्धि का भोग पीढ़ी का निर्माण नहीं कर सकता है। आज जिस तत्परता से समर्थ माता-पिता भी अपने संतानों की उच्चता के शीर्ष पर पहुंचाने के लिए समर्पित हैं हमेशा प्रतिदान या प्रत्यर्पण संतान से नहीं हो पा रहा है इसका मूल कारण है संतान में अपनी मिटटी, अपनी संस्कृति, और अपने नैतिक आध्यात्मिक प्रवृति का अभाव। रितेश शर्मा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जानकीनगर कोटद्वार में अध्यनरत भैया बहेनो के प्रति विद्यालय क्या सोच रखती है की यह भैया बेहेन अपने अध्ययन से न केवल सफलता की बुलंदियों को प्राप्त करे बल्कि, नैतिक एवं, आध्यात्मिक भावना से उपरोध होकर, माता-पिता एवं समाज की अपेक्षाओं को भी पूरा करे। आज तो किसी भी व्यक्ति या संस्था को समझ ही शक्तिशाली एवं ऊर्जावान बनाता है। समाज के बिना न तो संस्था की सफलता है और ना पूर्णता। अतः हम आपके सहयोग एवं सुझाव के आकांक्षी है।
– प्रधानाचार्य